Friday, November 25, 2011
इक जानवर की जान आज इंसानों ने ली है --चुप क्यों है इंसान ?
आदमी का वहशीपन रह-रह कर जागता है और हम फिर यह सोचने पर मजबूर हो जाते हैं की हम सभ्य हुए भी कि नहीं ? उत्तराखंड के पौड़ी जिले में बून्खाल कालिका देवी मंदिर पर आज भैंसे और बकरों की बलि चढाने के लिए मनौती कर्ता उन्मादित हैं । जिस जानवर की बलि चढ़ाई जाती है उसे पहले खूब शराब पिलाई जाती है फिर उसे डंडे मारमार कर पूरे खेत में दौड़ाया जाता है इतना दौड़ाया जाता है कि उसकी जीभ लटक कर बाहर निकल आती है । जब थक जाता है तो फिर डंडे पड़ते हैं फिर से दौड़ता है और फिर कुछ तथाकथित धर्म के ठेकेदार उसकी गर्दन तलवार से काट देते हैं । इस तरह सैकड़ों बेजुबान जानवरों को तडपा-तडपा कर मार दिया जाता है और मान लिया जाता है कि देवी खुश हो गयी । पता नहीं देवी अपने बेजुबान बच्चों की हत्या पर कितना खुश होती होगी लेकिन इतना जरूर है कि हम कितना भी मोडर्न हो जाएँ वहशीपन का कीड़ा हमें रह-रह कर न जाने कब तक काटता रहेगा।
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