खुशी भीतर मगर खुशियों का मंज़र ढूंढते हैं हम
किताबों में खुदा ईश्वर पैगम्बर ढूंढते हैं हम
हमारी बेयकीनी का नतीजा और क्या होगा
समंदर में खड़े होकर समंदर ढूंढते हैं हम।-कुमार मनोज 09410058570
Thursday, May 12, 2011
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