एक कविराज जो कविता सुनाने के लिए लाखों से नीचे इस आधार पर जाने से मना कर देते थे कि इस देश की जनता ने "निराला जी" को गरीबी में मार डाला - उन्होंने चार महीने वोट पाने के लिए फ्री में कविता सुनाई। हालाँकि फ्री कविता के बदले उन्हें वोट बहुत काम मिला। इसके बजाय कहीं मंच पर जाते तो करोड़ों कमाते इतना नुक्सान पता नहीं वे कैसे झेल रहे होंगे ?
Tuesday, May 27, 2014
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