Saturday, June 9, 2012

सब कुछ जान जाते हैं .-

 

 हम किस से क्या छुपायें लोग सब कुछ जान जाते हैं .

ये परदे खिड़कियों की बात अक्सर मान जाते हैं

हवाएं, रौशनी, खुशियाँ, जरूरत ,हर परेशानी
कमीने आईने दीवार के पहचान जाते हैं

मैं अपने आप से यूँ ही कभी नाराज़ होता हूँ
सयाने दोस्त चेहरे की हकीकत जान  जाते हैं

बड़ी हैं मुश्किलें क्या-क्या छुपाओगे घरौंदे में
इन्ही दालान चौखट से सभी मेहमान जाते हैं .-ललित

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